सोमवार व्रत विशेष रूप से भगवान शिव को समर्पित होता है। यह व्रत हर सोमवार को रखा जाता है, खासकर सावन (श्रावण) मास में इसका महत्व अत्यधिक बढ़ जाता है। इस व्रत को रखने से भगवान शिव और माता पार्वती…
नमस्कार दोस्तों!आज मैं आपको लेकर चल रहा हूँ उत्तराखंड की पहाड़ियों में बसे दो ऐसे दिव्य स्थलों की यात्रा पर, जहां आस्था, विश्वास और प्रकृति तीनों का मिलन होता है – जी हाँ, मैं बात कर रहा हूँ केदारनाथ और…
हिंदू पौराणिक कथाओं में समुद्र मंथन की कहानी सबसे प्रसिद्ध और रहस्यमयी मानी जाती है। यह कथा देवताओं और असुरों के बीच अमृत की प्राप्ति के लिए हुए महासंग्राम की है। कहानी की शुरुआत एक बार ऋषि दुर्वासा ने इन्द्र को एक…
महाभारत के महान पात्रों में एकलव्य एक ऐसा नाम है जो त्याग, समर्पण और गुरु-भक्ति का प्रतीक माना जाता है। उसकी कहानी न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि यह हमें यह भी सिखाती है कि सच्चा प्रयास और श्रद्धा किसी भी…
भीष्म, जिनका मूल नाम देवव्रत था, महाभारत के सबसे सम्मानित और जटिल पात्रों में से एक हैं। वे त्याग, कर्तव्य और सिद्धांतों के प्रतीक माने जाते हैं, लेकिन उनका जीवन दुख, नैतिक द्वंद्व और गहरी आत्मपीड़ा से भी भरा हुआ…
वैसे मै बता दू पांचों पांडव में तीन पांडव युधिष्ठिर , भीम , अर्जुन के माता का नाम कुंती था।और अन्य पांडव नकुल,सहदेव की माता का नाम माधुरी था । माता कुंती और माधुरी दोनों महाराज पाण्डु के धर्मपत्नी थे…
अर्जुन महाभारत के पाँच पांडवों में से तीसरे पुत्र थे और उन्हें अपने समय का सर्वश्रेष्ठ धनुर्धर एवं महान योद्धा माना जाता है। वे न केवल युद्ध कौशल में पारंगत थे, बल्कि धर्म, विनम्रता, भक्ति और तपस्या में भी अद्वितीय…
महाभारत काल में पांडव (युधिष्ठिर, भीम, अर्जुन, नकुल, सहदेव) बहुत योग्य, पराक्रमी और जनता में प्रिय थे। युधिष्ठिर तो धर्मराज के नाम से प्रसिद्ध थे और हस्तिनापुर की प्रजा चाहती थी कि वही अगला राजा बने। लेकिन दुर्योधन को यह…
महाभारत का युद्ध धृतराष्ट्र के पुत्रों और पांडु के पुत्रों के बीच लड़ा गया था, जब धृतराष्ट्र के ज्येष्ठ पुत्र दुर्योधन ने अपने चचेरे भाइयों पांडवों को शांतिपूर्वक रहने की अनुमति देने से इंकार कर दिया। दुर्योधन को समझाने की…
खांडवप्रस्थ एक जंगल वाला क्षेत्र था, जो महाभारत में पांडवों को दिया गया था, जो आगे चलकर इंद्रप्रस्थ के नाम से प्रसिद्ध हुआ । जब हस्तिनापुर का राज्य पांडवों और कौरवों के बीच बाँटा गया था, कृष्ण और दिव्य वास्तुकार…